आत्म परिचय
आचार्य अनिल कुमार शर्मा की प्रारंभिक ज्योतिष शिक्षा स्नातकोत्तर के उपरांत 1993 मे श्री श्री 1008 श्री ब्रह्मलीन केशव दास जी महाराज सिद्ध बाबा कदम खण्डी सालपुर के सानिध्य मे प्राप्त की ज्योतिष शास्त्र का प्रयोगात्मक ज्ञान वैदिक परंपरागत पद्धति से प्राप्त किया हस्त लिखित कुंडली निर्माण तथा मुहूर्त का पूर्ण ज्ञान प्राप्त किया ।
हस्त रेखा शास्त्र एवं फलित ज्योतिष के सभी अंगो का अध्ययन वेदमूर्ती दैवज्ञ प्रातः स्मरणीय श्री श्री 1008 श्री निरंजनी अखाड़ा पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज सोमना वाले बाबा जी से प्रयोगात्मक ज्योतिषीय ज्ञान एवं हस्त रेखाओ से कुंडली निर्माण की प्राचीन पद्धति को अंगीकार किया ।
वास्तु शास्त्र की शिक्षा भारतीय विद्या भवन मे प्राध्यापक प्रख्यात विद्वान डाॅ मनोज कुमार जी के सानिध्य मे प्राप्त किया वास्तु शैली के सभी अंगो गृह निर्माण वास्तु ,व्यवसायिक वास्तु, फेनसुई ,पिरामिड वास्तु, रेमेडीकल वास्तु ,बिना तोड फोड के वास्तु अनुसार निदान,जियोपेंथिक स्ट्रेस का निराकरण एवं वास्तु शास्त्र के सभी रुपो का अध्ययन प्रयोगात्मक विधियो से प्राप्त किया |
ज्योतिष गुरुकुल Institute of Astrology भारतीय विद्या भवन दिल्ली से ज्योतिष अलंकार एवं ज्योतिष आचार्य का अध्ययन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष के महान गुरु श्री के एन राव जी के मार्गदर्शन मे प्राप्त किया ज्योतिषीय गूढ रहस्यो एवं प्रयोगात्मक परीक्षण तथा
गहनता से जुड़े शोध कार्यो मे वर्तमान मे भी प्रयासरत है श्री गुरु जी के सानिध्य मे ज्योतिष शास्त्र के नवीन पहलूओ पर अनुसंधान जारी है ।
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विशेष रूप से सबसे अच्छा कुंडली विश्लेषण मे प्राचीन परंपरागत वैदिक ज्योतिषीय प्रयोगात्मक पद्धति का प्रयोग सभी गणितीय गणनाओ एवं फलित ज्योतिष मे दीघ्र कालिक अनुभव का समावेश रहता है जिसकी पूर्ण विवेचना हस्त लिखित रूप से प्रदान करना हमारी विशेषता है तथा सभी शंकाओ का समाधान कुंडली के अनुसार प्रदान किया जाता है जो कि हमारे कार्यो को विशेष रूप से अद्वितीय बनाता है ।
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